निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है ! निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है !
घर-घर में बाटेंगे , मुफ्त में अनाज, सत्ता सुंदरी को------------- घर-घर में बाटेंगे , मुफ्त में अनाज, सत्ता सुंदरी को-------------
आपको कभी नहीं भूलेंगे न कल और आज आप रहेंगे कलाम सर, हमारे सर का ताज। आपको कभी नहीं भूलेंगे न कल और आज आप रहेंगे कलाम सर, हमारे सर का ताज।
तेरी चाहतों का ताज़, सर पर सजाए बैठे हैं, तेरी चाहतों का ताज़, सर पर सजाए बैठे हैं,
आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये। आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये।
शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे ! शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे !